APG शिमला विश्वविद्यालय का परिसर उस समय सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो उठा जब विश्वविद्यालय के साइंस स्कूल द्वारा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय के मार्गदर्शन में, एक भव्य कार्यक्रम ‘एकृति – संस्कृति के माध्यम से एकता का प्रदर्शन’ का आयोजन अलख ऑडिटोरियम में किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ मनिंदर कौर ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कई सम्माननीय पदाधिकारियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रो. आर.एल. शर्मा (रजिस्ट्रार), प्रो. आनंद मोहन शर्मा (डीन अकादमिक्स), प्रो. अंकित ठाकुर (डीन इंजीनियरिंग) तथा डॉ. नीलम शर्मा (डीन स्टूडेंट वेलफेयर) शामिल थे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की और छात्र-छात्राओं को सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जो ज्ञान, प्रकाश और शुभारंभ का प्रतीक है। एंकरों ने ‘एकृति’ की अवधारणा को प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य भारत की ‘विविधता में एकता’ को संगीत, नृत्य, नाटक, कविता और फैशन के माध्यम से उजागर करना है। प्रो. आर.एल. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक विविधता इस बात का प्रमाण है कि हम भारत के हर राज्य से छात्रों का स्वागत करते हैं। ‘एकृति’ जैसे आयोजन इस एकता को और मज़बूत करते हैं और समावेशी समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।” इसके पश्चात सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आरंभ ‘द्रव्यनृत्य’ से हुआ, जिसमें भारत के दक्षिणी राज्यों – तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल की झलक दिखाते हुए भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और डोल्लु कुनिता की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं। फिर मंच पर आया ‘उदयलीला’, जिसमें बंगाल, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत किया गया। इसके बाद आया युवा जोश से भरपूर ‘K-Hype’, जिसमें K-pop और हिप-हॉप का अंतरराष्ट्रीय मिश्रण देखने को मिला, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
एक भावपूर्ण कविता पाठ ने दर्शकों को भीतर तक झकझोर दिया और भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। विश्वविद्यालय की नाट्य समिति ‘वेद’ ने एक सामाजिक संदेश से परिपूर्ण नाटक प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों की खूब सराहना मिली। फिर मंच पर आई ‘पश्चिमतरंग’, जिसमें पश्चिम भारत के लोकनृत्य जैसे गरबा, डांडिया, लावणी और घूमर की शानदार प्रस्तुतियां रहीं। कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण था ‘हेरिटेज वॉक’, जिसमें छात्रों ने भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर कदम रखा, जिसने भारत की सांस्कृतिक एकता को सुंदरता से प्रदर्शित किया। अंतिम खंड ‘रंगउत्तर’ में उत्तर भारत की रंग-बिरंगी संस्कृति को जीवंत किया गया – पंजाब का ऊर्जावान भांगड़ा, हरियाणा की लोकधुन, हिमाचल की सादगी और कश्मीर की आत्मीयता ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का समापन छात्र प्रतिनिधि जान्हवी द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, संयोजकों, कलाकारों और आयोजन टीम का आभार प्रकट किया, जिनके सहयोग से ‘एकृति 2025’ को इतनी बड़ी सफलता मिली।
‘एकृति 2025’ ने एक बार फिर सिद्ध किया कि APG शिमला विश्वविद्यालय भारत की सांस्कृतिक विविधता, रचनात्मकता और समावेशिता को गर्व से अपनाता है और उसे मंच प्रदान करता है।
Reviewed by SBR
on
September 27, 2025
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