कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रशासक ने संभाला जिम्मा, RBI-नाबार्ड के शिकंजा कसने के बाद BOD से मांगा जवाब
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित में हालात ठीक न होने के चलते बीओडी को भंग कर प्रशासक की नियुक्ति की गई है। शुक्रवार के डिविजल कमीशनर कांगड़ा विनोद कुमार ने प्रशासक के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। आरबीआई व नाबार्ड से शिकंजा कसने के बाद बीओडी सदस्यों को भी दस दिन के भीतर आरसीएस को जबाव देना होगा। उधर, ओटीएस सहित इस सारी कार्रवाई के बाद कर्मचारियों सहित खाताधारकों में अनिश्चित्ता का मौहाल बन गया है। हालांकि बैंक प्रबंधन का दावा है कि खाताधारकों को इससे किसी तरह समस्या नहीं आएगी। आगामी योजना के लिए बैंक के एमडी व जीएम को शिमला बुलाया गया है।
केसीसी बैंक में ओटीएस के तहत करोड़ों के लोन माफ करने का मामला जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने उठाया और सार्वजनिक हुआ तो चारों और हडक़ंप मच गया। इसी दौरान बीओडी को भंग कर दिया और बैंक में प्रशासक लगा दिया गया है। बताया जा रहा है कि बैंक को आरबीआई की गाइडलाइन फॉलो करना अनिवार्य है और बैंक के एनपीए सहित अन्य मसलों को लेकर नावार्ड पहले ही बैंक को वार्निंग दे चुका है। बावजूद इसके बिना परवाह किए ओटीएस सहित कई मसलों पर अगल ही काम चल रहा था।
कायम रहेगा खाताधारकों का विश्वास
बैंक में प्रशासक का जिम्मा संभालने के बाद डिवीजन कमीशनर कांगड़ा विनोद कुमार ने बताया कि सारी व्यवस्थाओं को देखा जाएगा और जल्द ही उच्च अधिकारियों से बैठकर भविष्य का प्लान तैयार किया जाएगा। बैंक के खाताधारकों के विश्वास को कायम किया जाएगा।
बैंक की पूंजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह सुरक्षित
उधर बैंक के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार का कहना है कि कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक समिति धर्मशाला का बोर्ड भंग होने के उपरांत जो सरकार द्वारा प्रशासक नियुक्त किया है वह बैंक व सरकार के आंतरिक कार्रवाई के तहत किया गया है यह एक विधि द्वारा स्थापित कार्रवाई के तहत है। बैंक के ग्राहकों को सूचित किया जाता है कि बैंक की पूंजी व बैंक का इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से सुरक्षित है। बैंक में पूरी तरह नियमों के आधार पर कार्य होगा। बैंक अपने खाताधारकों की सेवा के लिए समर्पित है। ग्राहकों व आम जनता से अनुरोध है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें धन्यवाद।
Reviewed by SBR
on
September 13, 2025
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