भारत में गिरेगी ज्वालामुखी राख: क्या इससे बढ़ेगा प्रदूषण? यूपी समेत इन शहरों में खतरा

 


इंडोनेशिया के सक्रिय ज्वालामुखी से निकलने वाला ऐश प्लम (राख का बादल) अब ओमान और अरब सागर से होते हुए उत्तर और मध्य भारत की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान एजेंसी इंडियामेटस्काई ने सोमवार देर रात अपने आधिकारिक हैंडल पर एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया। इस बादल में मुख्य रूप से सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) गैस है, जबकि राख की मात्रा कम से मध्यम स्तर की मानी जा रही है।


प्रभावित क्षेत्र और खतरे का स्तर

इंडियामेटस्काई के अनुसार, प्लम मिड-लेवल एटमॉस्फियर (मध्यम वायुमंडलीय स्तर) में है और सतह तक नहीं पहुंच रहा। इसलिए अधिकांश मैदानी इलाकों में राख गिरने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, कुछ इलाकों में SO₂ का स्तर प्रभावित हो सकता है।


खासकर: नेपाल की पहाड़ियां में  हल्का प्रदूषण संभव है।

उत्तर प्रदेश का तराई बेल्ट: गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी।

इन क्षेत्रों में प्लम हिमालय से टकराकर नीचे गिर सकता है, जिससे स्थानीय हवा में हल्का प्रदूषण संभव है।


मैदानी इलाकों में स्थिति

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अन्य मैदानी हिस्सों में राख गिरने की संभावना नगण्य है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पर कोई उल्लेखनीय असर नहीं होगा।

केवल कुछ स्थानों पर हल्के-फुल्के पार्टिकल्स गिर सकते हैं।

हवाई यातायात पर मामूली असर संभव है; कुछ उड़ानें देरी या रूट बदल सकती हैं।


लोगो की स्वास्थ्य पर असर

सामान्य लोगों के लिए सांस की तकलीफ या आंखों में जलन जैसी परेशानी होने की संभावना नहीं है।

तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले संवेदनशील लोग (अस्थमा या COPD मरीज) सावधानी रखें।

प्लम की स्थिति कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, लेकिन यह कोई बड़ा प्रदूषण संकट नहीं है।

भारत में गिरेगी ज्वालामुखी राख: क्या इससे बढ़ेगा प्रदूषण? यूपी समेत इन शहरों में खतरा भारत में गिरेगी ज्वालामुखी राख: क्या इससे बढ़ेगा प्रदूषण? यूपी समेत इन शहरों में खतरा Reviewed by SBR on November 25, 2025 Rating: 5

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