राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गलोड़ में खाने में मिलेट्स का प्रयोग, औषधीय पौधों का महत्व एवं ऊर्जा संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को आयोजित की गई। इसका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों एवं समुदाय को पारंपरिक खाद्यान्नों तथा औषधीय पौधों के लाभों से अवगत करवाना रहा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों मंजरी वी महाजन व विमला देवी ने मिलेट्स जैसे बाजरा, कोदो, रागी, ज्वार, कुटकी आदि को दैनिक आहार में शामिल करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मिलेट्स न केवल पोषक तत्वों से भरपूर हैं, बल्कि ऊर्जा संरक्षण, जल बचत और सतत कृषि को बढ़ावा देने में भी अत्यंत सहायक हैं। मिलेट्स का उत्पादन कम पानी और न्यूनतम रासायनिक खाद की आवश्यकता के साथ आसानी से किया जा सकता है, जो इन्हें भविष्य का सुरक्षित खाद्यान्न बनाता है।
इसी क्रम में छात्रों व अध्यापकों को औषधीय पौधों जैसे तुलसी, अश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, गिलोय आदि के औषधीय गुणों एवं घरेलू उपयोगों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला के मुख्यातिथि जिला विज्ञान पर्यवेक्षक राजेश गौतम ने बताया कि इन पौधों का नियमित उपयोग प्रतिरक्षा बढ़ाने, सामान्य रोगों की रोकथाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद करता है। छात्रों द्वारा पोस्टर और प्रस्तुतियों के माध्यम से मिलेट्स व औषधीय पौधों के महत्व पर रचनात्मक प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में इको क्लब प्रभारी कल्पना बनयाल ने उपस्थित सभी को दैनिक जीवन में मिलेट्स और औषधीय पौधों को अपनाने का संकल्प दिलाया गया। इस कार्यशाला की सराहना करते हुए स्कूल प्रधानाचार्य सुरजीत सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों में स्वास्थ्य, पर्यावरण और परंपरा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Reviewed by SBR
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November 20, 2025
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