आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आईआरजी ने नेस्ले आर-एंड-डी के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी पहल प्रोजेक्ट प्रत्यूषा की शुरुआत की। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय को पारंपरिक अनाज, आयुर्वेदिक भोजन और आयुष आहार के महत्व से परिचित करवाना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
कार्यक्रम के दौरान स्नेड गांव की आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. रुचि विशेष रूप से मौजूद रहीं। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली की चुनौतियों से निपटने के लिए आयुर्वेदिक प्रथाओं और पारंपरिक खानपान को दैनिक जीवन में अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि रागी, ज्वार, बाजरा और जौ जैसे अनाज न केवल पोषक तत्त्वों से भरपूर हैं, बल्कि इनसे शरीर को दीर्घकालीन स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।
प्रोजेक्ट प्रत्यूषा के तहत पारंपरिक अनाज और आयुष आहार पर जोर
Reviewed by SBR
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September 24, 2025
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